Proof of Work Explained in Hindi

Proof of Work Explained in Hindi – Blockchain Mein Kaise Kaam Karta Hai?

फाइनेंसल मार्केट में अब तक की सबसे सुरक्षित टेक्नोलॉजी ब्लॉकचेन को माना जाता है, लोग इसकी प्रशंसा भी करते हैं। इसकी शुरुआत बिटकॉइन और ऑल्टकॉइन से हुई जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की ही देन है। लेकिन यहाँ एक चीज समझने वाली यह है कि ब्लॉकचेन पर ट्रान्जेक्सन को वेरिफाई कैसे किया जाता है।

Proof of Work क्या है?

प्रूफ ऑफ वर्क एक तरीका है जो कि ब्लॉकचेन नेटवर्क को सर्वसम्मति से कार्य करने योग्य बनाता है। इस प्रोटोकॉल की बजह से ही एक ब्लॉक पर रजिस्टर हुई ट्रान्जेक्सन को सर्वसम्मति से वेलिडेट किया जाता है। सतोशी नाकामोटो ने अज्ञात रुप से जब बिटकॉइन व्हाइटपेपर प्रकाशित किया तब पहली बार प्रूफ ऑफ वर्क प्रोटोकॉल का जिक्र किया गया।

प्रूफ ऑफ वर्क प्रोटोकॉल ब्लॉकचेन पर होने वाली ट्रान्जेक्सन की वेलिडेशन को समझने का मूलभूत तत्व है। यह ही बिटकॉइन व बाकी प्रूफ ऑफ वर्क ब्लॉकचेन पर कार्य करने वाली क्रिप्टोकरेंसी की संभव बनाता है।

पियर टू पियर नेटवर्क के माध्यम से सतोशी ने ट्रेडिशनल ट्रान्जेक्सन सिस्टम में होने वाली डबल स्पेंडिंग की प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए प्रूफ ऑफ वर्क का कॉन्सेप्ट दिया। Hash के माध्यम से ब्लॉकचेन नेटवर्क ट्रान्जेक्सन को टाइमस्टेम्प करता है और इसको वेलिडेट करने के लिए प्रूफ ऑफ वर्क की आवश्यकता होती  है। यहाँ पर वर्क का तात्पर्य ट्रान्जेक्सन के डिजिटल फिन्गरप्रिंट से है जो कि एक अनोखे कैरेक्टर से बना हुआ Hash होता है यहाँ पर प्रूफ का तात्पर्य उस Hash के अनोखेपन से है।

अल्गोरिदम काम कैसे करता है?

कन्सेसिस को समझने के लिए हमें यह समझना जरुरी है कि प्रूफ ऑफ वर्क काम कैसे करता है। सामान्य भाषा में कंसेंसिस का मतलब स्वतेंत्र लोगों में आपसी सहमति है। उदाहरण के लिए एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश में वहाँ के निवासी इलेक्सन करते हैं ताकि प्रत्येक निवासी का वोट गिना जाए। जब वोटिंग हो जाती है तो पोलिटिकल पार्टीज एक कन्सेंस पर पहुँचती है कि कौन सरकार बनायेगा। यह इस पर निर्भर करता है कि किसे कितने वोट मिले हैं।

ब्लॉकचेन नेटवर्क में इंटरकनेक्टेड और स्वतंत्र कंप्यूटर की एक श्रृखंला होती है। जिन्हें नोड्स भी कहा जाता है जो नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह कंप्यूटर का नेटवर्क प्रूफ ऑफ वर्क प्रोटोकॉल के उपयोग से उस एक पॉइन्ट पर सहमत हो जाते हैं जिसे उस स्वतंत्र नोड ने प्रस्तावित किया है।

इस कन्सेंस मैकेनिज्म का गोल ब्लॉकचेन को सिक्योर रखना होता है और यह कार्य ट्रांजेक्सन को वेरिफाई और वेलिडेट करके प्रतिभागी को रिवॉर्ड देकर पूरा होता है। नेटवर्क पर प्रतिभागी माइनर को नोड्स कहा जाता है। उन नोड्स पर नेटवर्क को सिक्योर रखने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन ट्रान्जेक्सन को वेलिडेट सिर्फ एक ही नोड करता है और उसका रिजल्ट सर्वसम्मति के लिए सभी नोड्स के साथ साझा किया जाता है।

इसी रिवार्ड के लिए माइनर एक दूसरे से कम्पटीसन करते हैं और कॉम्पलेक्स मैथमेटिकल पजल को सॉल्व करने का प्रयास करते हैं। ताकि जीतने वाले नोड को रिवॉर्ड मिल सके। इस प्रक्रिया के लिए स्पेशल माइनिंग हार्डवेयर की जरुरत होती है। जिसमें हाई कंप्यूटिंग पॉवर होती है जिसे Hash rate से मापा जाता है।

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